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अब रजिस्ट्री होगी आसान, सर्किल रेट तय करने के मानक होंगे आधे, आम लोगों को मिलेगा सीधा लाभ

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अब तक सर्किल रेट तय करने के लिए दर्जनों मानकों को ध्यान में रखा जाता था, जिससे कई बार भ्रम की स्थिति बनती थी। लेकिन नए प्रस्ताव के तहत सर्किल रेट तय करने के मानक घटकर 15-20 के बीच होंगे। इससे सर्किल रेट में असमानता और जटिलता कम होगी। लोग अब स्वयं वेबसाइट पर जाकर अपनी संपत्ति का सर्किल रेट जान सकेंगे। ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग करके खुद रजिस्ट्री भी करा सकेंगे, किसी एजेंट या दलाल की जरूरत नहीं होगी आम जनता के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। उत्तर प्रदेश सरकार अब संपत्ति की रजिस्ट्री प्रक्रिया को आसान बनाने जा रही है। स्टांप एवं पंजीयन विभाग सर्किल रेट तय करने के जटिल और पेचीदा मानकों को आधे से भी अधिक घटाकर 15-20 के दायरे में लाने की तैयारी कर रहा है। अभी तक यह संख्या लगभग 40 के आसपास थी। इस बदलाव का असर प्रदेशभर में दिखाई देगा। स्टांप चोरी में कमी आएगी क्योंकि लोग सटीक रेट जानकर ईमानदारी से रजिस्ट्री करा सकेंगे। कानूनी विवादों में कमी आएगी क्योंकि सटीक जानकारी से गलती की गुंजाइश घटेगी। रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ेगी और खरीददारों का विश्वास मजबूत होगा। मुकदमों की संख्या घटेगी, जिससे न्यायिक तंत्र पर भी दबाव कम होगा। लखनऊ के हजरतगंज में एक सटीक उदाहरण देखने को मिलता है। यहां मुख्य सड़क पर स्थित संपत्ति का सर्किल रेट 20,000 रुपए प्रति वर्ग फुट है। लेकिन सिर्फ 100 मीटर पीछे स्थित दूसरी संपत्ति का रेट भी उतना ही है, जबकि वास्तविक बाजार मूल्य में काफी अंतर है। इस तरह की असमानता को दूर करने के लिए ही यह मानक सरलीकरण किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र और लोकेशन के आधार पर सही सर्किल रेट तय हो सके। स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रवींद्र जायसवाल ने कहा “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि आम आदमी की जिंदगी आसान और बेहतर हो। इसी उद्देश्य से सर्किल रेट तय करने के नियमों को सरल किया जा रहा है। इससे न केवल रजिस्ट्री की प्रक्रिया आसान होगी बल्कि स्टांप चोरी और मुकदमों में भी भारी कमी आएगी।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस संबंध में शासनादेश जल्द जारी किया जाएगा। 

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